वक्त यूँ ही हरपल गुजरता रहा
यादों का काफिला साथ चलता रहा,
हर रहगुजर में मेरी बस
साया ही संग चलता रहा
गैर हूँ उसके लिए मै हमेशा
अजनबी बनके ही मिलता रहा,
दरिया के पास रहकर भी
आंसुओं को ही पीता रहा,
न मिलता उससे तो दर्द न होता
उसे देखने को हरपल मचलता रहा,
भुला के देखा तो सांसे न रही SAME
बस याद करके ही सफ़र कटता रहा
यादों का काफिला साथ चलता रहा,
हर रहगुजर में मेरी बस
साया ही संग चलता रहा
गैर हूँ उसके लिए मै हमेशा
अजनबी बनके ही मिलता रहा,
दरिया के पास रहकर भी
आंसुओं को ही पीता रहा,
न मिलता उससे तो दर्द न होता
उसे देखने को हरपल मचलता रहा,
भुला के देखा तो सांसे न रही SAME
बस याद करके ही सफ़र कटता रहा
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