Friday, January 22, 2016

Wednesday, November 18, 2015

लूटेरे कौन ? (Lutere Koun ?)

एक बैँक लूट के दौरान लुटेरों के मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा
ये पैसा देश का है और जान आपकी अपनी
सब लोग लेट जाओ तूरंत ... क्विक 
सब लोग लेट गये ! 
[इसे कहते हैँ - 'Mind Changing Concept']
एक महिला उत्तेजक मुद्रा मेँ लेटी थी 
लुटेरों के मुखिया ने उससे कहा -
... 'ये लूट है रेप नहीँ तमीज से लेटो'
[इसे कहते हैँ - 'Focusing'] 

लुटेरों का एक साथी जो कि MBA किये हुआ था,
उसने कहा कि पैसे गिन लेँ ?
मुखिया ने कहा बेवकुफ वो टीवी पर देखना न्यूज में,
[इसे कहते हैँ - 'Experience']
लुटेरे 20 लाख लेकर भाग गए
असिस्टेंट मैनेजर ने कहा - 'एफ आई आर' करें ?
मैनेजर ने कहा - '10 लाख निकाल लो और जो हमने 50 लाख का
गबन किया वो भी लूट में जोड़ लो .... काश हर महीने डकैती हो'
[इसे कहते हैँ - 'Opportunity']
टीवी पर न्यूज आई - "बैँक से 80 लाख लूटे"
लुटेरोँ ने कई बार गिने 20 लाख ही थे
उनको समझ में आ गया कि इतनी जोखिम के बाद उनको 20 लाख ही मिले,
जबकि साले मैनेजर ने 60 लाख यूंही बना लिए
असली लूटेरे कौन ??

Friday, November 6, 2015

कंजूस रिश्तेदार (Kanjus Ristedar)

एक कंजूस के घर उसका एक
रिश्तेदार गया
कंजूस :ठंडा लोगे या गर्म?
रिश्तेदार :ठंडा
कंजूस :रूह अफजा या पेप्सी?
रिश्तेदार :पेप्सी
कंजूस :बोतल में पियोगे या ग्लास
में?
... रिश्तेदार :ग्लास में
कंजूस :सिंपल ग्लास में या डिजाईन
वाला?
रिश्तेदार :डिजाईन वाला
कंजूस :लाइन वाला या फूल वाला?
रिश्तेदार :फूल वाला
कंजूस :गुलाब के फूल
वाला या चमेली के फूल वाला?
रिश्तेदार :चमेली के फूल वाला
कंजूस :sorry यार ! मैं
तुम्हारी खातिरदारी करना चाहता था लेकिन
तुम्हारे शौक बहुत अजीब है, मेरे घर
में चमेली के फूल वाला कोई ग्लास
ही नहीं है.

Thursday, November 5, 2015

कांटों पे चलना आ गया - Bewafa Shayari Hindi

खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है,
किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है,
किसी की याद में रोते नहीं हम,
हमें चुपचाप जलना आ गया है,
गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें कांटों पे चलना आ गया है|

Sunday, November 1, 2015

एक बचपन का जमाना था (Ek Bachpan Ka Jamana Tha)

एक बचपन का जमाना था,
जिस में खुशियों का खजाना था..
चाहत चाँद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दिवाना था..
खबर ना थी कुछ सुबहा की,
ना शाम का ठिकाना था..
थक कर आना स्कूल से,
पर खेलने भी जाना था...
माँ की कहानी थी,
परीयों का फसाना था..
बारीश में कागज की नाव थी,
हर मौसम सुहाना था..



एक बचपन का जमाना था

Friday, October 9, 2015

दुआँ करना मुझे फिर से मोहबबत न हो (Dua Karna Mujhe Fir se Mohbbat na ho)

मे फिर से निकलूँगा तलाशने मेरे जीवन मे खुशियाँ यारो.....
दुआँ करना मुझे फिर से मोहबबत न हो....

ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी (Na Jane Kounsi Raat Akhiri Hogi)

"बक्श देता है 'खुदा' उनको,
जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है...
वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है,
जिनकी नियत खराब होती है..."
न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा,
न तारिफ तेरी होगी, न मजाक मेरा होगा.
गुरुर न कर "शाह-ए-शरीर" का,...........
मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा !!!
जिन्दगी भर ब्रांडेड ब्रांडेड करने वालों .....
याद रखना कफ़न का कोई ब्रांड नहीं होता ....
कोई रो कर दिल बहलाता है और कोई हँस कर दर्द छुपाता है.
क्या करामात है कुदरत की, ज़िंदा इंसान पानी में डूब जाता है और मुर्दा तैर के दिखाता है...
मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,
कम्बख़त जो भी उस से मिलता है,
जीना छोड़ देता है..
ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने
में .......
ज़िन्दों को गिराने में और मुर्दों को उठाने में ..
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी ...


Thursday, April 24, 2014

Dil Tujhe Samjhau Kaise

 
Dil Tujhe Samjhau Kaise


Tu hi bata a dil tujhe samjhau kaise,
Jise chahta hai tu use nazdik lau kaise,
Yu to har tamanna har ehsas hai wo mera,
Magar us ehsas ko ye ehsas dilau kaise…

Duniya Ko Hum Kya Dekhe



Kitne Chehre Hai Is Duniya Me ,
Magar Humko Ek Chehra Hi Nazar Aata Hai,
Duniya Ko Hum Kya Dekhe......,
Uski Yadon Me Saara Waqt Guazar Jaata Hai..

Sunday, November 17, 2013

Tere Chehre Me

Tere Chehre Me
Tere Chehre Me


Tere Chehre Me
Mera Noor Hoga
Fir Tu Na Kabhi
Muzse Dur Hoga
Soch Kya
KhusiMiLegi
Jaan Us Pal
Jis Pal
Teri Maang Me
Mere naam ka Sindoor Hoga